Date: 21-24 April 2024
Location: गोराडीह, कासिमपुर, कहाल्गैया, भागलपुर
Name of Event/Activity: “मतदाता जागरूकता अभियान ”
Type of Activity : संवाद
भागलपुर लोकसभा चुनाव के पूर्व पीस सेंटर परिधि द्वारा 21 से 24 अप्रैल 2024 को मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया। 26 अप्रैल को भागलपुर लोकसभा का मतदान था। तेज गर्मी और पॉलीटिकल पार्टी के काम पहुंच के कारण मतदाताओं में मतदान के प्रति बहुत उत्साह नहीं देखने को मिल रहा था। वहीं दूसरी और कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा धार्मिक मुद्दे को उठाया जा रहा था। ऐसी स्थिति में पीस सेंटर परिधि ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाने का मन बनाया। 21 अप्रैल को कहलगैया कासिमपुर में शुरुआत करते हुए पीस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने कहा कि वोट दान करने की चीज नहीं है बल्कि इसके जरिए हम अपने अधिकारों का बोध कराते हैं। धनी से धनी व्यक्ति के एक वोट की उतनी ही ताकत है जितनी गरीब से गरीब व्यक्ति के वोट की। यही एक ऐसी ताकत है जो हमें संविधान द्वारा मिला है और जिसके बल से हम एक बेहतर सरकार चुन सकते हैं अच्छा समाज बना सकते हैं। आज के द्वारा में हमें और अधिक सक्रियता दिखाते हुए मतदान करने जाना चाहिए क्योंकि हमारे मौलिक मुद्दे इसी से तय होंगे। अगर हम धर्म और जाति के आधार पर वोट करेंगे तो हमारा समाज, देश तो टूटेगा ही साथ ही साथ हमारे बच्चों को पढ़ने लिखने और बराबरी का अधिकार पाने का हक भी जाता रहेगा। हमें एक ऐसी पार्टी और सरकार को चुनना है जो धार्मिक विद्वेष की जगह पर शिक्षा रोजगार और सामाजिक न्याय की बात करें। हमें सिर्फ वोट देना ही नहीं है बल्कि अपने समाज और घरों से वोट देने के लिए लोगों को निकलना भी है। जय नारायण ने कहा कि हमें अपना वोट दारू और पैसे पर नहीं बेचना है बल्कि इसका उपयोग कर सच्चा उम्मीद्वार चुनना है और अच्छा सरकार बनानी है। 21 से 24 अप्रैल तक कहलगैया, कासिमपुर, तरछा, मोहनपुर, हज्जुडीह, मुरहन आदि गांव में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया। अरविंद कुमार सिंह ने मतदान के प्रति सक्रियता दिखाने का अनुरोध करते हुए कहा कि हम सभी को मतदान केंद्र पर जाना है और चुकी गर्मी बहुत है इसलिए अपने साथ धूप से बचने के लिए छाता और पानी की बोतल भी रखनी है। अगर हम धूप से बचने की व्यवस्था कर पहुंचेंगे तो धूप में भी मतदान करके ही लौटेंगे। 26 अप्रैल को हमारा पहला काम होगा मतदान करना और एक अच्छे उम्मीदवार को चुनना।
Date: 14 April 2024
Time : 4 pm- 6 pm
Location: कलाकेन्द्र, भागलपुर
Name of Event/Activity : अम्बेडकर जयंती
Type of Activity : संवाद
14 अप्रैल 2024 को बाबा साहब डा.भीम राव अंबेडकर की जयंती कला केंद्र , भागलपुर में पीस सेंटर परिधि द्वारा मनाई गई। इसके साथ ही फुले से अंबेडकर विचार यात्रा कार्यक्रम का भी अंत हुआ। इस अवसर पर परिधि द्वारा संचालित शिक्षण प्रशिक्षण केद्रों यथा सियारगढ़, कहलगैंया, हज्जूडीह ,बदालीचक, तरछा में भी अम्बेडकर जयंती मनाया गया। इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए संस्कृति कर्मी उदय ने कहा कि महात्मा फुले को डॉ अंबेडकर ने अपना वैचारिक गुरु माना था। हंटर कमीशन के समक्ष महात्मा फुले ने सर्वप्रथम अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा का प्रस्ताव रखा था। फुले कहते थे विद्या बिना गति गई , मति बिना नीति गई , नीति बिना गति गई , गति बिना वित्त गया, वित्त बिना शूद्र गए। इतना अनर्थ अकेले अविद्या ने किया है। बाबा साहब ने भी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए शिक्षित बनो संगठित होओ और संघर्ष करो कहा। डॉ अंबेडकर ने भी संविधान में 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा की बात की। हमारे संविधान में धारा 14 ,15 और 16 में जिन मौलिक अधिकारों का जिक्र किया बाद में उसमें विस्तार हुआ। ललन ने अपने उधर में कहा कि शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाते हुए कहा गया कि इसे जीने के अधिकार के साथ जोड़कर पढ़ा जायेगा। यह संविधान था तभी 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून आया जिसके तहत आज सभी आज 5kg अनाज की गारंटी की गई। 5 किलो अनाज पाना हमारा संवैधानिक हक है ,यह कोई योजना नहीं है। खाद्य सुरक्षा को भी जीने के अधिकार के तहत रखा गया। ताकि अहमद जावेद ने कहा कि संविधान में जो समाजवादी अवधारणा है , समानता की बात है उसके कारण ही जमींदारी खत्म हुई और जोतने वाला किसान खेत का मालिक बना ; बड़े भूपतियों की जमीन सीलिंग में छीनकर गरीबों में बांटी गई। संविधान ने ही हमें प्रजा से नागरिक बनाया। सुभाष प्रसाद ने कहा कि जिस संविधान ने हमें बराबरी और न्याय पाने का अधिकार दिया उस संविधान को आज बदलने की कोशिश की जा रही है। पीस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने बाबासाहेब अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि बाबा साहब ने हर तबके के बराबरी की बात की, फिर चाहे वह महिला पुरुष के बराबरी की बात हो या जाति,संप्रदाय, नस्ल के बराबरी और सम्मान की बात। आज सामाजिक गतिविधियों में जो इतनी महिलाएं शामिल हो पा रही है वह भी बाबा साहब के प्रयासों का ही प्रतिफल। मृदुल सिंह ने अपने वक्तव्य में बाबा साहब को याद करते हुए कहा कि उन्होंने महात्मा फुले और बाबा साहब अंबेडकर ने देश को रचना में अहम भूमिका निभाई। पिछड़े और दकियानूसी भारतीय समाज को आगे का रास्ता दिखाया। महिलाओं के हक, अधिकार और सुरक्षा हेतु कई कानूनी प्रावधान किये। आज उनके जन्मदिन को दुनिया ज्ञान दिवस और समानता दिवस के रूप में मानता है |
Date : 12 April 2024
Time: 2pm -6pm
Location: कलाकेन्द्र, भागलपुर
Name of Event/Activity: “ईद मिलन ”
Type of Activity : सांस्कृतिक कार्यक्रम
12 अप्रैल 2024 को पीस सेंटर परिधि द्वारा ईद मिलन का आयोजन कला केंद्र भागलपुर में किया गया। इस अवसर पर सभी ने ईद की बधाइयां देते हुए कहां कि ईद भाईचारे का त्यौहार है। सहयोग और आत्म संयम का त्यौहार है। कार्यक्रम की शुरुआत इकराम हुसैन साद ने अपनी नज्म पढ़कर की। ईद के मौके पर शायर जावेद अख्तर ने अपनी नज्म ” मुसलमां और हिंदू ऐसे इस भारत में रहते हैं, कि जैसे आसमान पर चांद और सितारे चमकते हैं”. यह गौतम का आंगन यह चिश्ती का गुलशन,यहां नफरतों का गुजारा नहीं है,, मिलकर दिल से दिल ईद होली मनाते रहे हैं मनाते रहेंगे”,द्वारा देश की विविधता में एकता को रेखांकित किया। संचालन करते हुए उदय ने कहा कि अपने देश की विविधता ही इसकी ताकत है। आज जो हम ईद, होली, दिवाली, क्रिसमस मनाते हैं यह संविधान के कारण संभव है। संविधान ने हमें बराबरी, न्याय और सम्मान के साथ अपने-अपने धर्म, रीति रिवाज के पालन करने का अधिकार दिया है। इसी कारण सभी को बोलने, त्योहार मनाने का अधिकार मिला है। डा योगेंद्र ने कहा कि वह हर धर्म कहता है कि ईश्वर एक है पर इसे मानने वाला कोई नहीं है। हर धर्म में गैरबराबरी है, छुआछूत है। किसी के छूने भर से आदमी परेशान हो जाता है। हमें अपने धर्म के बराबरी के इन मूल्यों को अपनाते हुए समाज को बेहतर बनाना है। देश का माहौल ठीक रहे, प्रेम सौहार्द बना रहे यही शुभकामना है। एम एस अनीस ने बधाई देते हुए कहा कि आई फिर ईद के मौके पर हम गले मिले और देश को खूबसूरत बनाएं। कवि डा प्रेम चंद पांडे ने कहा कि ईद हमें संयम सिखलाता है। यह संयम और आत्म चिंतन सतत होता रहे यही कामना है। मो फारूक ने कहा कि ईद महीने भर के उपवास और संयम के बाद आता है इसलिए इस संयम को अगले साल भर बरकरार रखना है। हमें सिर्फ गले नहीं मिलना बल्कि दिल से दिल मिलना है। प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा ईद की खुशियां भी मनायें और विचारों का मंथन भी करें। लोकतंत्र का भी महापर्व है इसलिए हमें अधिक से अधिक मतदान करके इस महापर्व को भी सफल बनाना है। अर्जुन शर्मा तक़ी अहमद जावेद ने ईद की बधाइयां देते हुए सबसे आह्वान किया कि लोकतंत्र के महापर्व यानी चुनाव में अधिक से अधिक मतदान करने के लिए हम एक दूसरे को प्रोत्साहित करें जागरूक करें।
Date: 11-14 April 2024
Time: 10am- 6pm
Location : रत्तीचक , सियारगढ़, जिताडिह, मुरहन, गोराडीह, भागलपुर
Name of Event/Activity : फुले से अम्बेडकर विचार यात्रा
Type of Activity : यात्रा
11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती से 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती तक “फुले से अम्बेडकर विचार यात्रा” की शुरुआत हुई जिसकें माध्यम से गाँव-गाँव घूमकर महात्मा फुले और अम्बेडकर के विचारों को फैलाने की कोशिश हुई। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जय नारायण ने कहा कि महात्मा फुले और डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों ने पूरे देश को प्रभावित किया। लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व महात्मा ज्योतिबा फुले ने सामाजिक समता, न्याय और बराबरी का आंदोलन शुरू किया। उन्होंने शिक्षा पर बहुत अधिक जोर देते हुए स्त्रियों के लिए देश का पहला विद्यालय खोला। फातिमा शेख और उनकी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले के सहयोग से कई विद्यालय खोले गए। महात्मा ज्योतिबा फुले एक क्रांतिकारी विचारक एवं समाज सुधारक थे। उन्होंने विधवा विवाह, अंतर्जातीय अंतर धार्मिक विवाह कपूर जोर समर्थन किया और इसके लिए कई कार्यक्रम बनाए। महात्मा फुले कर्मकांड, जातिवाद धर्मांधता के कट्टर विरोधी थे। तभी बाबासाहब भीमराव अंबेडकर ने उन्हें अपना गुरु माना। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मानते थे कि देश और समाज की तरफ की तभी हो सकती है जब सभी समुदायों को बराबरी का अधिकार मिले। इस बराबरी के लिए सामाजिक न्याय अति आवश्यक है। जब तक समाज के दबे कुचले समुदाय को विशेष अवसर प्रदान नहीं किया जाता तब तक ना तो न्याय संभव है और नहीं देश की तरक्की। परिधि के निदेशक उदय ने कहा कि डॉ आंबेडकर जीवन भर दबे कुचले समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ते रहे। वे सिर्फ दलितों के अधिकारों के लिए ही नहीं बल्कि पिछड़ों , आदिवासियों और महिलाओं के हक के लिए संविधान में कई प्रावधान वक्तव्य में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा फुले ने जिस समाज बनाएं। मुखिया उमाशंकर रजक ने अपने में जन्म लिया और बेतर समाज की कल्पना करते हुए अपना जीवन निछावर किया ठीक इसी प्रकार बाबा गाडगे ने भी स्वच्छता के महत्व को फैलाया। ज्योतिबा फुले, फातिमा शेख, सावित्रीबाई बाबा गाडगे जैसे लोगों के कारण ही आज हम यहां महिला पुरुष एक साथ बैठकर तरक्की के बारे में सो पा रहे हैं। आगे वक्ताओं ने बताया कि फूले और अंबेडकर ने देश को समता, न्याय और बंधुत्व का बोध कराया। अंबेडकर ने सामाजिक न्याय के साथ समान अवसर प्रदान करने पर जोर दिया। वे भारतीय समाज व्यवस्था से बहुत दुखी थे। भारतीय समाज ने जिस तरीके से धर्म और जाति के नाम पर एक बड़े समाज को संपत्ति, शिक्षा और सम्मान से बेदखल कर दिया, इसने देश की तरक्की और उन्नति को आघात पहुंचा है। महात्मा फुले ने सत्यशोधक समाज नामक संस्था बनाकर विधवाओं के लिए आश्रय स्थल, लड़कियों के लिए स्कूल, अंतरजातीय विवाह को प्रश्रय देना आदि कार्यक्रमों द्वारा तत्कालीन समाज में क्रांति पैदा कर दिया था। वहीँ बाबा साहब अंबेडकर ने आजादी के बाद भारतीय संविधान को अधिक मानवीय व न्याय पूर्ण बनाया। पीस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने बताया कि फूले से अंबेडकर विचार यात्रा के दौरान कोचिंग संस्थान, अलग-अलग गांव में जाकर महिलाओं युवाओं से मिलकर उनके विचारों को फैला रहे हैं। यह यात्रा14 अप्रैल को भागलपुर में अंबेडकर मूर्ति को पुष्पांजलि अर्पित कर समाप्त हुई। इस मौके पर उदय, मुखिया उमाशंकर रजक, जय नारायण, राहुल, पूजा कुमारी, नागेश्वर ऋषिदेव, बिनय कुमार, सुमित्रा देवी अदि थे | यात्रा के दौरान लगभग 500 ब्यक्तियों से संपर्क हुआ |
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