Date: 1 January 2025

Time: 11 am- 5pm

Location : कलाकेन्द्र, भागलपुर

Name of Event/Activity : नव वर्ष सांस्कृतिक मेला

Type of Activity :  सांस्कृतिक कार्यक्रम

 1 जनवरी 2025 को पीस सेंटर पढ़ी के संयोजन में सांस्कृतिक समन्वय समिति भागलपुर के बैनर तले नव वर्ष सांस्कृतिक मेला का आयोजन कला केंद्र भागलपुर में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक रूप से बापू के प्रिय भजन “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान” से हुआ । नव वर्ष सांस्कृतिक मेला में जहाँ एक ओर नाटक, समूह नृत्य, गीत, माइम, एकल अभिनय, शास्त्रीय नृत्य आदि की सांस्कृतिक परिस्थितियों हो रही थी वहीं दूसरी ओर बच्चों के लिए चित्र, देशभक्ति गीत, खेलकूद आदि की प्रतियोगिताओं मैं बच्चों की किलकारियां गूंज रही थी।  सांस्कृतिक समन्वय समिति के संयोजक उदय ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कि सांझी संस्कृति सांझी विरासत पर केंदित हमारे इस आयोजन में लगभग एक दर्जन संस्थाएं हिस्सा ले रही है। नृत्य ,गीत ,नाटक ,पेंटिंग्स में संस्कृतियों का सम्मिश्रण दिखता है। एक नृत्य में कई इलाके के स्टेप होते हैं। कला जोड़ती है तो राजनीति तोड़ती है। यह एक प्रकार का द्वंद है कि शहर में सांस्कृतिक आयोजन बढ़ रहे  हैं और गांव में नाटक और सांस्कृतिक आयोजन खत्म हो रहे हैं उसकी जगह अश्लील आर्केस्ट्रा ने ले लिया है. जब नीचे स्तर पर सांस्कृतिक प्रक्रिया बढ़ेगी तभी अपसंस्कृति के खिलाफ मोर्चाबंदी  होगी. आयोजन और प्रक्रिया के अंतर को समझते हुए सांस्कृतिक अभियान चलाना होगा।

पीस सेंटर परिधि द्वारा साझी संस्कृति साझी विरासत पर केंद्रित चित्र प्रतियोगिता का आयोजन हुआ डिवाइन गुरुकुलम, अमरपुर, बांका के प्राचार्य सुभाष देव के निर्देशन में नशा मुक्ति केंद्रित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति किया गया। शरण्या नृत्य कला केंद्र द्वारा समूह नृत्य प्रस्तुति द्वारा बच्चों ने कई भावों का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया। समूह नृत्य में अनाया, अमायरा, माही, कियाना, आद्या, ऋषिका,भाब्या। वही भरतनाट्यम में पूर्वी, नायरा ने व एकल राजस्थानी नृत्य में इलेसी करकेट्टा ने खूब तालियां बटोरी। विश्व मधुर द्वारा लड़कियों के रक्षार्थ मार्शल आर्ट का प्रदर्शन मार्शल आर्ट एक्सपर्ट अभिजीत कुमार के निर्देशन हुआ। जनप्रिय के बच्चियों ने बिहार की साझी संस्कृति को समेट नृत्य नाटिका ऐसा है बिहार की शानदार प्रस्तुति का दर्शकों को गदगद कर दिया। इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए एकता के संजीव कुमार दीपू ने कहा कि आज संस्कृति के नाम पर उन्माद भरने की कोशिश हो रही है जबकि संस्कृति लोगों को जोड़ता है और वैज्ञानिकता की बात करता है। कुछ लोगों को रघुपति राघव राजा राम भजन से भी आपत्ति होने लगी है जबकि यह भजन तो राम को धर्म विशेष से हटकर व्यापक फलक प्रदान करता है। आले के शशि शंकर ने अपने गीत द्वारा एक सुंदर  और क्रांतिकारी समाज आने की कल्पना की। सफाली युवा क्लब द्वारा आयोजित देशभक्ति गीत प्रतियोगिता आयोजित हुए और बच्चों ने पुरस्कार पाया। विजेता बच्चों को सफाली युवा क्लब के डॉक्टर प्रोफेसर फारूक अली, डॉ श्रीकांत मंडल, डॉ सुधीर, डॉ प्रेमचंद पांडे ने अपने हाथों मोमेंटो और सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत किया। नव वर्ष सांस्कृतिक मेला में “अंजुमन बाग ओ बाहर” द्वारा कविता व मुशायरा का कार्यक्रम डॉक्टर पीसी पांडे की अध्यक्षता और डॉ हबीब मुर्शिद खान के संचालन में हुआ। इस अवसर पर काफिया कामिनी, पिंकी मिश्रा, जावेद अख्तर, इकराम हुसैन साद, कपिल देव कृपाला, भानु झा अभय कुमार भारती, मृदुला सिंह आदि ने अपनी रचना का पाठ किया। इस अवसर पर एकता नाट्य मंच के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश कुमार झा द्वारा एकल लोकनाट्य प्रस्तुति ” डोमकच आधारित सोहर” की गयी। गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र द्वारा गांधी पर आधारित पोस्ट और पुस्तक की प्रदर्शनी लगाई गई वहीं दूसरी ओर दिनकर पुस्तकालय द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी और बिक्री केंद्र की पुस्तकों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। कला केंद्र द्वारा चित्र और शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन हुआ एक ओर कला केंद्र के पूर्ववर्ती छात्र जय कुमार ने लाइफ पोर्ट्रेट बनाकर सांस्कृतिक मेला में अलग ही आनंद भर दिया। नव वर्ष मेला में परिधि द्वारा राहुल के निर्देशन में माइम देवी की प्रस्तुति में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर प्रहार किया जिसमें तमन्ना राठौर, सौरभ कुमार पासवान, मृदुला सिंह और नीलांजना ने अपनी भूमिका से दर्शकों को सम्मोहित कर लिया। नव वर्ष सांस्कृतिक मेला 2024 के अवसर पर रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर द्वारा हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना “मैं नर्क से बोल रहा हूं” का एकल प्रस्तुति सौरभ कुमार के द्वारा किया गया। प्रस्तुत रचना में एक आम आदमी की कहानी जो पूंजीवादी व्यवस्था के अंतर्गत घुटन भरी जिंदगी को ईमानदारी पूर्वक जिया और अपने ऊपर हुए अन्याय का तनिक भी विरोध नहीं कर पाया। एक ही दिन में उसे आदमी का कुत्ता और स्वयं मरकर जब देव लोग जाता है तो उसे आम आदमी को आश्चर्य होता है कि उनका कुत्ता स्वर्ग में और वह नरक में क्यों पड़ा है। इस पर देवता से बहस होती है। देवता कहते है कि तुम्हारा कुत्ता संघर्ष करते हुए खा पी के मारा है इसलिए वह स्वर्ग में स्थान पाया और तुम घुट घुट कर अन्याय चाहते रहे और भूखे मारकर यहां आए हो इसलिए तुम्हें नरक मिला है। तुम आदमी होकर अपने ऊपर हुए अन्याय का प्रतिकार नहीं कर सके। संवाद के बीच में वर्तमान राजनीति पर भी तंज कसता नजर आया। इस कहानी का निर्देशन कपिलदेव रंग ने किया।

 नव वर्ष सांस्कृतिक मेला 2025 में  इप्टा, पीस सेंटर परिधि, कला केंद्र, माध्यम, जनप्रिय, अंजुमन बाग ओ बहार, विश्व मधुर, सफाली युवा क्लब, एकता नाट्य मंच, आलय, मुक्ति निकेतन घोघा, डिवाइन गुरुकुलम अमरपुर, रंग ग्राम, शरण्या नृत्य कला केंद्र, गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र आदि ने प्रमुख रूप से भागीदारी की।

 

Date : 3 January 2025

Time:  9 am -4 pm

Location:  गोराडीह, कहलगांव, भागलपुर

Name of Event/Activity:  “सावित्री बाई फुले जयंती

Type of Activity : संवाद

3 जनवरी 2025 को गोराडीह प्रखंड के तरछा गांव के एक कोचिंग में युवाओं के बीच पीस सेंटर परिधि द्वारा सावित्री बाई फूले की जयंती मनाई गई. कार्यक्रम में ज्यादातर लड़कियां थी. कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक प्रसेनजीत तथा संचालन जय नारायण उर्फ अजय ने किया. मुख्य वक्ता परिधि के निदेशक  उदय ने कहा कि सावित्री बाई महिला अधिकारों की लड़ाका थीं. हिंदू परंपरा में स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने की मनाही थी. सावित्री बाई फूले ने पितृसत्तात्मक व्यवस्था को चुनौती देते हुए महिलाओं के लिए स्कूल खोला और फातिमा शेख के सहयोग से पढ़ाना शुरू किया. अपने जीवन साथी ज्योतिबा फुले द्वारा शुरू किए गए सत्य शोधक समाज की वे सहचरी थी. रूढ़िवादी परंपरा पितृसत्तात्मक व्यवस्था को तोड़ती हुई उन्होंने अपने पति का अंतिम संस्कार किया. महिला शिक्षा के अभियान में उनकी मित्र फातिमा शेख ने अभूतपूर्व योगदान दिया. उनके पति समेत जब उनके ससुर ने घर से निकाल दिया था तो वे एक मुस्लिम उस्मान शेख के घर रह रही थी . फातिमा शेख उस्मान की बहन थी. हिंदू मुस्लिम एकता और सर्वधर्म समभाव की सावित्री बाई प्रतिमूर्ति थी. सभी पढ़ी लिखी और नौकरी पेशा करने वाली महिलाओं की सावित्री बाई पूर्वज हैं. अगर वे नहीं होती , उनका आंदोलन नहीं होता तो आज की लड़कियों को पढ़ने लिखने के लिए आंदोलन चलाना पड़ता.  गंगा मुक्ति आंदोलन कार्यालय, कागजी टोला कहलगांव में भी योगेंद्र सहनी के नेतृत्व में परिधि ने अपने साथी संगठन गंगा मुक्ति आंदोलन, बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ के साथ मिलकर सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई. वार्ड पार्षद योगेन्द्र सहनी ने कहा कि सावित्री बाई फूले ने भारत में महिला शिक्षा की नींव डाली. हमारी जो बेटियां पढ़ लिखकर मास्टरनी, पुलिस, नर्स और अधिकारी बन रही हैं, स्कूल से छात्रवृत्ति, सायकिल और अन्य वजीफा पा रही हैं, यह सावित्री बाई फूले की देन है. सावित्री बाई फूले ने विधवा विवाह, सती प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाया तथा पुनर्विवाह और आसान तलाक के लिए पहल की.

 

Date: 12 January 2025

Time : 8 am-10am, 2- 4 pm

Location: बड़ी जमीन, कलाकेन्द्र, भागलपुर  

Name of Event/Activity : राष्ट्रीय युवा दिवस      

Type of Activity : युवा एवं समुदाय गोष्ठी

12 जनवरी 2025 को कलाकेंद्र और कहलगांव में विवेकानंद की जयंती पर युवा दिवस मनाया गया. इस अवसर पर पीस सेंटर परिधि द्वारा सामाजिक, सांस्कृतिक चुनौतियां और राष्ट्रीय एकता विषय पर संगोष्ठी हुई. संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ योगेंद्र और संचालन राहुल ने किया. विषय प्रवेश कराते हुए उदय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के जिस ऐतिहासिक शिकागो सम्मेलन की चर्चा से हम गौरवान्वित महसूस करते हैं उसका निहितार्थ क्या है ? स्वामी  विवेकानंद ने सभी आगंतुकों को मेरे भाईयों और बहनों कहकर संबोधित किया. श्रोता अभिभूत हो गए. उनके कहने का आशय था हम एक ही ईश्वर की संतान हैं. ईश्वर एक है. इसलिए हम सभी आपस में भाई बहन हैं. मतलब ईश्वर, अल्लाह और गॉड एक ही हैं, वे आपस में भाई भाई नहीं हैं. इसीलिए विभिन्न मतावलंबी अपने सगे भाई हुए न कि चचेरे भाई. ईश्वर अल्लाह तेरो नाम का मतलब भी यही है. अध्यक्षता करते हुए डॉ योगेंद्र ने कहा कि वे जाति व्यवस्था के घोर विरोधी थे. विवेकानंद मानते थे कि सभी प्राणियों में ईश्वर है, इसलिए जरूरतमन्द, और संकटग्रस्त की सेवा को ही वे ईश्वर की सेवा मानते थे. वे हिंदू धर्म के कर्मकांड और अंधविश्वास की खिलाफत करते थे. वे मानते थे कि भारत में इस्लाम तलवार की नोंक पर नहीं फैला बल्कि हिंदू धर्म के अत्याचार के कारण और इस्लाम  में समता देखकर अछूत और छोटी जातियों के लोगों ने इस्लाम कबूल किया. डॉ योगेंद्र ने कहा बहुत सारे समूह ऐसे हैं जिनका कोई धर्म नहीं है. हम अपने धर्म की कमियों पर चर्चा नहीं करते लेकिन दूसरे के धर्म की कमियों पर चर्चा ज्यादा करते हैं. सार्थक भरत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को ब्राह्मणों ने शिकागो धर्म सम्मेलन में जाने का यह कह कर विरोध किया था कि वे ब्राह्मण नहीं हैं इसलिए वे धर्म संसद में भाग नहीं ले सकते हैं .पवन कुमार ने कहा कि विवेकानंद धर्मांधता के खिलाफ थे और कहते थे धर्मांधता के के कारण सभ्यता और आगे होती. अर्जुन शर्मा ने कहा कि विवेकानंद कहते थे कि भारत में धर्म से ज्यादा रोटी की जरूरत है. वक्ताओं ने कहा कि विवेकानंद इस्लाम की खूबियों को भी स्वीकारते थे. वे कहते थे प्रायोगिक इस्लाम के बिना वेदांत अधूरा है. युवा दिवस पर युवाओं में बढ़ रहे नशा, मोबाइल एडिक्शन और कंज्यूमरिज्म पर भी चर्चा हुई |

 

Date: 24 January 2025

Time: 11 am -4 pm

Location:  कासिमपुर, गोराडीह

Name of Event: “राष्ट्रीय बालिका दिवस

Type of Activity :  बालिका खेल उत्सव

24 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय बालिका दिवस और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जयंति के आवसर पर पीस सेंटर परिधि द्वारा कासिमपुर गोराडीह में बालिका खेल उत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए राहुल ने कहा कि परिधि विगत 3 दशकों से समाज के विकास हेतु महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा एवं सर्वागीण विकास के लिए प्रयासरत है। समाज की आधी आबादी यानि लड़कियों को जब तक बराबरी के तौर पर पढ़ने, आगे बढ़ने और समाज गढ़ने का अवसर नहीं मिलेगा तब तक अपना देश तरक्की नहीं कर सकता। भारतीय समाज में लड़कियों के लिए खेल सहज नहीं रहा है उसमें भी वैसे खेल जिसे शारीरिक ताकत का मापदंड माना जाता हो। इस अवसर पर संगीता कुमारी और पूजा कुमारी ने कहा कि जब तक बालिकाओं को खेल से नहीं जोड़ा जाता तब तक सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। खेल सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है।  इसी दिन 24 जनवरी 1966 को देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री लौह महिला श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद संभाला था। यह दिन हम सबों के लिए सबक लेने का दिन है।  जयनारायण ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में सबसे पहले सबों के लिए और खास कर लड़कियों के लिए शिक्षा निशुल्क किया था। उनके प्रयासों के फलस स्वरूप लड़कियां घरों से निकाल कर स्कूल और कॉलेज तक पहुंची वहीं इंदिरा गांधी लड़कियों के लिए प्रेरणा श्रोत बनी। प्रतिभागी बच्चियों को पुरस्कृत करते हुए गोराडीह के थाना अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि आज का दिन बहुत ही खास है और हम सबके लिए संकल्प लेने का दिन है। वही समाज बेहतर और उन्नत माना जाता है जिस समाज में लड़कियों को लड़कों के बराबर सम्मान और अवसर मिलता है। जब हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर अवसर प्रदान करते हैं तो सिर्फ परिवार का ही नहीं समाज और देश का नाम रौशन होता है। आई खूबसूरत समाज बनाने में हम सब अपना योगदान दें। रंगकर्मी सुषमा ने ने कहा कि हम अनजाने में ही लड़का लड़की में भेदभाव करने लगते हैं, अपने ही परिवार के दो बच्चों के बीच अंतर स्थापित कर एक को कमजोर कर देते हैं। इसलिए भी ऐसे आयोजन जरूरी है जिसमें लड़कियों को अलग से महत्व मिले, उनके बारे में बातें हों। सामाजिक बदलाव के लिए ऐसे अभिक्रम जरूरी हैं। बालिका खेल उत्सव की दौड़ प्रतियोगिता के ग्रुप ए में पूजा कुमारी, अम्पी कुमारी, प्रिया रुचि कंचना ने ग्रुप बी में रजनी, करिश्मा, सेविका ने और ग्रुप सी में वर्षा सैय्यदा और ज्योति ने द्वितिय्फ्ला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं राउंड रेस में कल्पना, काजल, दीपा सैयदा, करीना, सुभम ने क्रमशः प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका खेल उत्सव की कबड्डी प्रतियोगिता में गोराडीह प्रखंड के कासिमपुर, अगड्डा, तरछा, सरैया, बदली चौक, मोहनपुर, सियरगढ़, मुरहान, कहलगैय्या आदि की टीमों ने भाग लिया। बालिका कबड्डी प्रतियोगिता में संघर्ष बालिका क्लब तरछा उपविजेता रही तो पीटी उषा क्लब कासिमपुर विजेता बनी। निर्णयक के तौर पर राकेश कुमार  और रविंद्र कुमार ने जिम्मेदारी संभाली। विजेता प्रतिभागियों को गोराडीह थाना अध्यक्ष विकास कुमार, सुषमा कुमारी, ललित नारायण, कौशल्या देवी, इंजीनियर हरिदास, कौशल किशोर, एवं संगीता कुमारी ने मोमेंटो और शील्ड देकर पुरस्कृत किया।

 

Date: 30 January 2025

Time: 10am -5:30pm

Location:  भागलपुर

Name of Event:  “गाँधी शहादत दिवस”

Type of Activity :  जन संवाद, गीत, चित्र

30 जनवरी 2025 को परिधि समूह द्वारा भागलपुर जिले में गांधी शहादत दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। गांधी शहादत दिवस पर परिधि ने मछुओं के बीच बिरबन्ना और मक्खातकिया तथा युवाओं के बीच  बड़ी जमीन में छात्र नौजवानों के बीच भी याद किया। लाजपत पार्क में नेता जी की मूर्ति के समक्ष कला केंद्र के छात्र-छात्राओं द्वारा गांधी के चित्र कैनवास पर उकेरा गया। लाजपत पार्क में टहलने आए दर्शकों ने कौतूहल पूर्वक गांधी को बनते हुए देखा और चित्र के जरिए गांधी से जुड़े। पीस सेंटर परिधि, राष्ट्र सेवा दल और कला केंद्र के इस सम्मिलित आयोजन में गीत, कविता और वक्तव्य भी हुए। वक्ताओं ने याद करते हुए गांधी को विशाल व्यक्तित्व का धनी बताया। उदय ने कहा  कि गांधी एक साथ संत , राजनीतिज्ञ , समाज सुधारक ,अर्थशास्त्री , विचारक , दार्शनिक , देशभक्त और अप्रतिम राष्ट्रवादी थे। उनके सोच में परंपरा और प्रगतिशीलता का मिश्रण था। आज दुनियां जिस जलवायु संकट और पारिस्थितिकी असंतुलन से जूझ रहा उसका रास्ता गांधी ने अपने विकास के मॉडल में दिखाया। उन्होंने मास प्रोडक्शन नहीं प्रोडक्शन बाय मास की वकालत की और कहा यह धरती सभी का पालन करने में सक्षम है किंतु किसी “एक “का लालच पूरा नहीं कर सकती है। उन्होंने इस विकास को शैतानी सभ्यता कही। यही कारण है कि गांधी देश की सीमाओं से परे हैं, इसलिए दुनियां उन्हें आज याद करती है। सुषमा ने कहा  कि गांधी के हत्यारे जिस वैचारिक समूह के थे,वे भी गांधी पर फूल चढ़ाते हैं और गांधी जी अमर हैं के नारे लगाते हैं , यह गांधी की महानता दर्शाता है। राहुल ने कहा कि गांधी जी  समावेशी विकास, समावेशी राजनीति, समावेशी धर्म परंपरा समावेशी संस्कृति और ज्ञान परंपरा के पैरोकार थे। गांधी की हत्या उनके इसी सोच के कारण नफ़रतवादी, वर्चस्ववादी, विशेषाधिकारवादी, विषमतावादी और असहिष्णुतावादी सोच रखने वाले समूह ने कर दी। वरिष्ठ पत्रकार उज्जवल कुमार घोष ने कहा कि गांधी लोकतंत्र चाहते थे और गोडसे समूह ये नहीं चाहते थे।  गोडसेवादी आज भी ये झूठ और अफवाह फैलाते हैं कि गांधी की हत्या विभाजन के लिए किया गया। सच्चाई ये है कि विभाजन से बहुत पहले ही गांधी 6 बार जान लेवा हमला हो चुका था। अगर विभाजन की ही बात करें तो इसके लिए द्विराष्ट्र सिद्धांत जिम्मेदार है जिसके प्रबल पैरोकार सावरकर और जिन्ना थे। अनिरुद्ध ने कहा कि गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे लेकिन आजीविका  के लिए मछुओं द्वारा मछली मारने का उन्होंने समर्थन किया।  एनुल होदा ने कहा कि गांधी जी न केवल बड़े राष्ट्रवादी थे बल्कि उन्होंने भारत में राष्ट्रवाद की मजबूत नींव डाली। गांधी के आजादी आंदोलन में कूदने के बाद ही स्वतंत्रता आंदोलन राष्ट्रीय और राष्ट्रवादी आंदोलन कहलाया। गांधी शहादत मौके पर रेखा रमन ने “बापू हमारे स्वर्ग सीधारे “गीत गाकर, इकराम हुसैन साद और मृदुला सिंह ने अपनी रचना पढ़कर श्रद्धांजलि अर्पित की। डा चैतन्य प्रकाश ने याद करते हुए कहा कि गांधी के विचारों ने न सिर्फ भारत बल की दुनिया भर के  लोगों को प्रभावित किया और बराबरी व न्याय के आंदोलन को जीत की राह दिखलाई । धन्यवाद देते हुए ललन ने कहा कि हमें गर्व है कि ऐसे महान व्यक्तित्व हमारे ही देश में पैदा हुए। अंत में गांधी का प्रिय भजन अल्लाह ईश्वर तेरो नाम गाकर दो मिनट का मौन रखा गया। मृदुला सिंह, डॉली, कृषिका, निलंजाना, आकांक्षा, सत्यम कुमार सिंह द्वारा विश्व  शांति का संदेश देता गाँधी का चित्र लोगों को आकर्षित कर रहा था।

 

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